अब गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में डॉक्टर्स और एमबीबीएस स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए दो काउंसलर की नियुक्ति की जाएगी। ये समय-समय पर यहां एमबीबीएस, नर्सिंग, पैरामेडिकल व अन्य कर्मचारियों की काउंसिलिंग करेंगे। इसके लिए जीएमसी ने प्रस्ताव बनाकर चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेज दिया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि बीते साल दो सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आत्महत्या कर ली थी।
इधर, नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने भी डॉक्टर्स की मेंटल हेल्थ को लेकर एक नेशनल सर्वे करवाया है। इसमें सामने आया कि बीते पांच सालों में देश में मेडिकल की पढ़ाई करते हुए 119 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। इनमें से 64 एमबीबीएस स्टूडेंट थे और 55 मेडिकल पीजी की पढ़ाई कर रहे थे। इसके अलावा, 1166 छात्रों ने बीच में ही मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी। देशभर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग और आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ये समस्या उन छात्रों में भी देखी जा रही है, जो नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके चलते एनएमसी ने एक एक्शन प्लान भी तैयार किया है।
डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने के लिए प्रस्ताव
इधर, हमीदिया अस्पताल के आईसीयू, कार्डियक, पीडियाट्रिक्स विभागों में डाक्टरों की कमी है। भर्ती के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा है। अभी कार्डियक विभाग में पांच विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत है। पिछले दो दिनों से नई डीन डॉ. कविता सिंह वार्डों का भ्रमण भी कर रही हैं। इस दौरान चिकित्सकों ने उनसे डाक्टरों की कमी को पूरा करने की मांग की है।
31 मई को सौंपी जाएगी मेंटल हेल्थ सर्वे की डिटेल रिपोर्ट...
देश के मेडिकल छात्रों में अवसाद और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एक टास्क फोर्स बनाया है। इसमें 15 सदस्य हैं। टास्क फोर्स को 31 मई तक एक डिटेल रिपोर्ट सौंपना है।
समिति वहां दौरा करेगी, जहां आत्महत्या के मामले सामने आए हैं...
समिति उन मेडिकल कॉलेजों का दौरा भी करेगी, जहां आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों के बीच मेंटल वेल बीईंग को बढ़ावा देने के लिए योग्य सिफारिशें तैयार करना है।