भोपाल के ऐशबाग थाना इलाके के प्रभात चौराहा पर फर्जी कॉल सेंटर खोलकर देशभर के लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी करने के मामले में चालान पेश कर दिया गया है। चालान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एकता ठाकुर की अदालत में मुख्य आरोपी अफजल खान और उसकी की बेटी साहेबा व साला मुईन खान सहित 13 आरोपियों के खिलाफ पेश किया है।
जानकारी मुताबिक टीकमगढ़ का रहने वाला अफजल खान यहां प्रभात चौराहा पर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। अफजल खान द्वारा फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से देश भर के लोगों को निवेश कराए जाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की जा रही थी।
अफजल खान का भांडा कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों की शिकायत पर फूटा था। युवतियों ने ऐशबाग थाना में शिकायत की थी कि अफजल खान द्वारा फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों को निवेश कराए जाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की जा रही है।
फर्जी कॉल सेंटर से जब्त किए थे कम्प्यूटर और प्रिंटर
23 फरवरी को ऐशबाग थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर में छापा मारकर कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर आदि जब्त कर 28 फरवरी को अफजल खान व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अफजल को 1 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मामले में अफजल के साले को आरोपी नही बनाए जाने को लेकर एएसआई पवन रघुवंशी ने 25 लाख रुपए में डील की थी।
5 लाख की रिश्वत के साथ पकड़ा गया था एएसआई
5 मार्च को पहली किस्त के रूप में टीकमगढ़ के पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एएसआई पवन रघुवंशी को पुलिस ने पकड़ लिया था। पवन रघुवंशी ने बताया था कि यह राशि वो थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल के कहने पर ले रहा था।
पुलिस आयुक्त ने 5 मार्च को ऐशबाग थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, तत्कालीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पवन रघुवंशी, तत्कालीन असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मनोज सिंह और तत्कालीन हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र को निलंबित कर दिया था।
5 मार्च को ही ऐशबाग पुलिस थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, पवन रघुवंशी, मनोज सिंह और धर्मेंद्र सहित पवन को 5 लाख रुपए की रिश्वत देने वाले टीकमगढ़ के पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
अफजल की बेटी साहेबा और साला मुईन खान फरार चल रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल और पवन रघुवंशी सहित अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जांच के बाद चालान पेश किया जाएगा ।