दोनों की बच्ची की मां से मोबाइल पर कई बार लंबी-लंबी बातचीत के रिकाॅर्ड मिले हैं। मिसरोद पुलिस ने 30 अप्रैल को आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। मां अपनी बेटी को 29 अप्रैल को हाॅस्टल से लेकर उसे घूमाने निकली थी। बेटी ने उन्हें दुष्कर्म की बात बताई थी।
बेटी का कहना था कि जब उसे होश आया था तब एक अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। महिला अपनी बेटी को लेकर जेपी अस्पताल पहुंची थी, जहां ड्यूटी डाॅक्टर ने बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि करते हुए मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी। अगले दिन जब पुलिस ने दोबारा मेडिकल कराया तो वह रिपोर्ट अलग थी।
दोनों रिपोर्ट में अंतर होने के बाद बुधवार को तीसरी बार मेडिकल बोर्ड के समक्ष बच्ची की मेडिकल हुआ था। जिसमें खुलासा हुआ था कि बच्ची के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या दुष्कर्म की घटना नहीं हुई है।
इधर, पुलिस को एसआई प्रकाश राजपूत और एएसआई आरपी सिंह के काॅल डिटेल में महिला से पिछले दिनों में कई बार लंबी-लंबी बातचीत के सबूत मिले हैं। इसी कारण दोनों पुलिस अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। प्रकाश को अफसरों ने ब्लैकमेलिंग का सरगना मानते हुए उसे पहले लाइन अटैच किया था। सोमवार को राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। जल्द ही आरपी सिंह को भी सस्पेंड किया जाएगा।
बच्ची की सीडब्ल्यूसी में काउंसलिंग होना बाकी है...
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी यह विवेचना कर रही है कि महिला और जेपी की मेडिकल आफिसर के बीच पहले बातचीत या मुलाकात हुई है क्या? एसआईटी जेपी अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। पुलिस को ऐसी जानकारी मिली है कि महिला रविवार को भी जेपी अस्पताल पहुंची थी। इधर, बच्ची की सीडब्ल्यूसी में काउंसलिंग होनी है। पुलिस उसे मंगलवार या बुधवार को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करेगी। सीडब्ल्यूसी तय करेगा कि बच्ची की काउंसलिंग किससे करानी है।