पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को TMC की साजिश बताया है। सोमवार (6 मई) को केरल दौरे से लौटने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर आनंद बोस ने कहा- मैं दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा। ममता बनर्जी राज्य में गंदी राजनीति कर रही है।
बोस ने कहा- मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ममता को इन सब से बचाए, लेकिन यह काम भगवान के लिए भी मुश्किल है। मुझ पर लगे आरोप ड्रामेबाजी है। राज्य में हो रही हिंसा और भ्रष्टाचार को उजागर करने की मेरी कोशिश जारी रहेगी। मुझे इस मुद्दे पर अब और कुछ नहीं कहना है।
दरअसल, राजभवन में काम करने वाली एक महिला ने 3 मई को राज्यपाल बोस के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर बोस के पास गई थी। तब बोस ने उनके साथ बदसलूकी की थी।
उधर, मामले को लेकर TMC नेता सांतनु सेन ने कहा- ममता बनर्जी पर आरोप लगाने से पहल बोस को अपने आरोपों पर सफाई देनी चाहिए। अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। सबको पुलिस के साथ कॉपरेट करना चाहिए।
बोस का कर्मचारियों को आदेश- पुलिस के समन को नजरअंदाज करें
बोस पर लगे आरोपों को लेकर पुलिस ने जांच के लिए एक टीम गठित की थी। टीम ने राजभवन के कर्मचारियों से पूछताछ के लिए समन जारी किए थे। बोस ने 5 मई को कर्मचारियों को आदेश दिया पुलिस के समन को इग्नोर करें।
बोस ने X पर राजभवन के कर्मचारियों के लिए एक पोस्ट में लिखा कि यह साफ है कि संविधान के आर्टिकल 361 (2) और (3) के तहत राज्य पुलिस गवर्नर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती है। राष्ट्रपति, गवर्नर के पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ किसी कोर्ट में कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है।
पुलिस ने शनिवार को 4 कर्मचारियों को तलब किया था
न्यूज एजेंसी PTI ने एक सीनियर पुलिस अफसर के हवाले से शनिवार को बताया- हमने एक जांच टीम बनाई है जो अगले कुछ दिनों में इस मामले में कुछ संभावित गवाहों से बात करेगी। हमने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज मिलने पर उसे देने की भी अपील की है।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SET) ने राज्यपाल बोस के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर पूछताछ के लिए कोलकाता राजभवन के 4 कर्मचारियों को तलब किया है। उन्हें आज शाम 4 बजे तक हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया है।
राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर रोक
संविधान के आर्टिकल 361 के तहत मौजूदा गवर्नर के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। राजभवन ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें गवर्नर बोस ने राजभवन में पुलिस की एंट्री बैन कर दी है। बोस का कहना है कि इलेक्शन के दौरान अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पुलिस गैरकानूनी ढंग से जांच कर सकती है।
TMC ने कहा- क्या मोदीजी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे
तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने महिला के आरोपों को लेकर एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया गया है। एक महिला जब राजभवन गई तो राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उनके साथ छेड़छाड़ की, यौन उत्पीड़न किया और गलत व्यवहार किया। महिला अब पुलिस स्टेशन पहुंच चुकी है, जहां वह अपनी शिकायत दर्ज करा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि ये गंभीर आरोप तब लग रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंच रहे हैं। मोदी जी राजभवन में ही ठहरेंगे। क्या मोदी जी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे? क्या मोदी जी पूछेंगे कि राजभवन में इस तरह की घटना कैसे घटी?
सुवेंदु अधिकारी बोले- आरोप साजिश तो नहीं
राज्यपाल पर लगे आरोपों को लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह देखना होगा कि आरोप सही हैं या फिर कोई साजिश है। 26,000 शिक्षकों की नौकरी चली गई, संदेशखाली मुद्दे पर तृणमूल घिरी है। देखना होगा कि ये शिकायत राजनीतिक साजिश है या नहीं। अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी।