'चेन्नई एक्सप्रेस' पर सवार हुई टाटा मोटर्स, हुंडई को उसके गढ़ में चुनौती देने की तैयारी
Updated on
20-03-2024 01:03 PM
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स तमिलनाडु में बड़े निवेश की तैयारी में है। कंपनी ने राज्य के रानीपेट में वीकल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए 9,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इस बीच साउथ कोरिया की कंपनी हुंडई ने भी तमिलनाडु में अपनी कैपेसिटी बढ़ाने के लिए अगले 10 साल में 20,000 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है। टाटा मोटर्स और हुंडई के बीच देश की नंबर टू ऑटो कंपनी बनने की होड़ लंबे समय से चल रही है। ऐेसे में टाटा मोटर्स अब तमिलनाडु में हुंडई के गढ़ में जाकर उसे चुनौती देने की तैयारी में है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में देश में रिटेल पैसेंजर वीकल की सेल्स में मारुति सुजुकी 39.74 फीसदी के साथ पहले नंबर पर रही। हुंडई 14.08 फीसदी के साथ दूसरे और टाटा मोटर्स 13.57 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर रही।
टाटा मोटर्स ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि चेन्नई में बनाए जाने वाले प्लांट में किन गाड़ियों का बनाया जाएगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें पैसेंजर गाड़ियां बनाई जाएंगी। साथ ही कमर्शियल वीकल्स के भी कुछ कंपोनेंट्स इसमें बनाए जा सकते हैं। अब तक टाटा मोटर्स का पैसेंजर वीकल ऑपरेशन पश्चिम भारत में ही रहा है। महाराष्ट्र में पुणे के पिंपरी में कंपनी पैसेंजर और कमर्शियल वीकल्स बनाती है। कंपनी महाराष्ट्र के रंजनगांव में नेक्सन और दूसरी गाड़ियों के इंजन बनाती है। इसी तरह कंपनी गुजरात के साणंद में इंटरनल कंबश्चन इंजन और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाती है। साथ ही टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने साणंद में फोर्ड इंडिया के प्लांट का पिछले साल जनवरी में अधिग्रहण किया था। इस प्लांट की सालाना इन्सटॉल्ड कैपेसिटी 300,000 यूनिट है जिसे 420,000 यूनिट तक बढ़ाया जा सकता है। यानी कंपनी के पास इन तीनों प्लांट्स में पर्याप्त कैपेसिटी है। ऐसे में सवाल उठता है कि कंपनी तमिलनाडु का रुख क्यों कर रही है?
तमिलनाडु ही क्यों
जानकारों का कहना है कि तमिलनाडु में टाटा मोटर्स के निवेश का मतलब है कि कंपनी अगले कई साल तक देश के ऑटोमोबाइल मार्केट में होने वाली ग्रोथ की संभावना के लिए खुद को तैयार कर रही है। टाटा मोटर्स के तमिलनाडु में कई वेंडर्स हैं जो उसकी फैक्ट्रीज को ऑटो पार्ट्स की सप्लाई करते हैं। इस कारण वेंडर्स के करीब प्लांट होने से कंपनी को फायदा होगा। साथ ही तमिलनाडु में जमीन लेना दूसरे राज्यों की तुलना में आसान है। साथ ही वहां चेन्नई और तूतीकोरिन जैसे प्रमुख बंदरगाह हैं जहां से एक्सपोर्ट करना आसान है। तमिलनाडु में पहले से ही रेनॉ निसान, टीवीएस मोटर्स, रॉयल एनफील्ड, अशोक लीलैंड, डेमलर इंडिया और हुंडई के प्लांट्स हैं। ऐसे में टाटा का तमिलनाडु में प्लांट लगाने का फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
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