बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद को पद से हटाए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया आई। उन्होंने X पर लिखा- बहनजी आपका देश सिर माथे पर। आपके संघर्षों की वजह से हमारे समाज को एक राजनीतिक ताकत मिली है। अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा।
मायावती ने तीसरे फेज की वोटिंग के बाद मंगलवार रात 9.30 बजे आकाश से पार्टी की सभी जिम्मेदारियां छीन लीं। बसपा सुप्रीमो ने उन्हें उत्तराधिकारी के साथ ही पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया।
उन्होंने X पर लिखा था- आकाश अभी मैच्योर नहीं हैं, इसलिए जब तक वह मैच्योर नहीं होते हैं, उनको दोनों जिम्मेदारियों से हटाया जाता है।
अखिलेश बोले-बसपा के हाथ से बाजी निकली चुकी; मायावती का जवाब
आकाश को हटाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने मायावती पर तंज कसा। बुधवार को उन्होंने लिखा-चुनाव में बसपा के हाथ से बाजी निकल चुकी है। एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है। अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहां डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं।
अखिलेश की इस पोस्ट पर मायावती ने जवाब देते हुए X पर लिखा- सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा की तरह आज भी जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा, आरक्षण विरोधी है। सपा के कार्यकाल में उनके नाम पर बने पार्कों विश्वविद्यालयों से नाम हटाया गया। जो इनकी मानसिकता को उजागर करता है।
5 महीने पहले घोषित किया था उत्तराधिकारी
10 दिसंबर 2023 को बसपा ने UP-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया। डेढ़ घंटे मीटिंग चली थी।
उत्तराधिकारी घोषित होने के 6 साल पहले यानी 2017 में आकाश आनंद सहारनपुर की जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा।
2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है।