रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में दर्ज दूसरी ईसीआईआर में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालयत (ईडी) अब पहले से ज्यादा पुख्ता केस पेश करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यह केस इसलिए मजबूत हो रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के कई बड़े शराब कारोबारी और डिस्टिलर्स जो कोविड की तीसरी लहर से सिंडीकेट से जुड़ गए थे और शराब का बंपर उत्पादन और वितरण किया, पूरी कहानी का खुलासा अब वे ही कर रहे हैं और खुद को सभी ने इनोसेंट (बेगुनाह) करार दिया है।
सूत्रों के हवाले से यह बात भी आई है कि एक बड़े डिस्टिलरी संचालक ने तो यहां तक कहा है कि उनकी फैक्ट्री सिंडीकेट ही चला रहा था और उन्हें हर महीने पैसे दिए जा रहे थे। यह पैसे डिस्टिलर्स की महीने की औसत कमाई के बराबर थे या उससे कई गुना ज्यादा, सिर्फ यही बात छिपा ली गई है। यही वजह है कि ईडी जिन बड़े अफसरों और कारोबारियों को सिंडीकेट का पार्ट बता रही है, जब-जब उनकी गिरफ्तारी या पूछताछ होती है, दुर्ग संभाग और रायपुर संभाग के बड़े डिस्टिलर्स को भी ईडी पूछताछ के लिए बुला लेती है, ताकि आमने-सामने बयान करवा दिया जाए। यही वजह है कि ईडी ने सिंडीकेट के लोगों और आबकारी अफसरों के अलावा ईओडब्लू में दर्ज करवाई गई एफआईआर में कई बड़े डिस्टिलर्स, शराब कारोबारियों और इस कारोबार से दूसरी तरह से जुड़े लोगों को भी छोड़ा नहीं है, बल्कि आरोपी बना दिया है।