कोविड लॉकडाउन के बाद रेलवे यातायात तो सामान्य हो गया है। मगर इसमें मिलने वाली रियायतें अभी तक बंद हैं। इसको लेकर जहां एक तरफ रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति पश्चिम मध्य रेलवे के सदस्य कमलेश सैन ने इस मामले में वित्त मंत्रालय सहित रेलवे एवं देशभर के सांसद एवं मंत्रियों को 1,014 पत्र लिखे थे। इसको लेकर वित्त मंत्रालय ने मामले को रेलवे को भेजा है। ताकि रेलवे इस मामले को रिव्यू कर सके। बता दें कि कोविड लॉकडाउन के बाद से ही बजुर्गों, छात्रों एवं पत्रकारों को मिलने वाली रियायतें बंद हैं।
53 कैटेगिरी में 13 तरह की रियायतें देता था
रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत तक की छूट मिलती है, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सीनियर सिटीजन श्रेणी में महिलाओं को मूल किराए में 50, पुरुषों को 40 फीसदी छूट मिलती थी। सीनियर सिटीज़न के लिए बर्थ कोटा दिया जा रहा है। अभी सिर्फ बीमारियों से संबंधित यात्रियों को रियायत दी जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कोविड से पहले तक 53 कैटेगिरी में 13 तरह की रियायतें देता था।
भोपाल स्टेशन से गुजरती हैं रोजाना 230 ट्रेन
रेलवे अधिकारियों के अनुसार भोपाल स्टेशन पर पर रोजाना करीब 230 से अधिक ट्रेने गुजरती हैं। इसमें वीकली, एक्सप्रेस, राजधानी, वंदे भारत और दुरंतो एक्सप्रेस और कई पैसेंजर्स ट्रेने शामिल हैं। इसके अलावा यहां से रोजाना 45 हजार से अधिक रेल यात्री गुजरते हैं। रेलवे के अनुसार इसमें 15 हजार से अधिक सीनियर सिटिजन रोजाना सफर करते हैं।
ताकि रेलवे दोबारा कर सके रिव्यू
रेलवे अप डाउनर्स प्रोग्रेसिव वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दिए गए सुझाव को वित्त मंत्रालय ने रेलवे को फॉरवर्ड किया है। ताकि रेलवे इस मामले को दोबारा रिव्यू कर सके, हमें उम्मीद है कि रेलवे इस मामले में छात्रों और बुजुर्गों के हित में सोचेगा और इसको दोबारा शुरू करेगा। हमने अपने सुझाव में लिखा था कि ट्रेन में यात्रा करने वाले मध्यम वर्ग के लोगों, गरीबों, छात्रों और अन्य यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री और इंटरसिटी ट्रेनों की संख्या में वृद्धि के अलावा वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और अन्य लोगों को रेलवे किराए में रियायत की बहाली का सुझाव दिया है। बता दें कि कमलेश रेलवे अप डाउनर्स प्रोग्रेसिव वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
अभी सिर्फ इनको मिल रही छूट