एलन मस्क की ‘दुकान’ खुलने से पहले ट्राई की अहम सिफारिश, भर जाएगी सरकार की झोली

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सर्विसेज शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है। यह कंपनी सैटेलाइट के जरिए दुनिया के 100 से अधिक देशों में इंटरनेट सर्विसेज देती है। इस बीच दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्टारलिंक जैसे उपग्रह संचार सेवा प्रदाताओं पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की सिफारिश की है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को दी गई अपनी सिफारिश में कहा है कि शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले सेवा प्रदाताओं को प्रति ग्राहक 500 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं के लिए इन कंपनियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
ट्राई ने सिफारिश की है कि उपग्रह ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम पांच साल के लिए आवंटित किया जाए जिसे बाद में दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। AGR का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क भू-स्थैतिक कक्षा (जीएसओ) और गैर-भूस्थैतिक कक्षा (एनजीएसओ) में स्थित उपग्रहों के जरिये सेवाएं देने वाली दोनों तरह की उपग्रह संचार कंपनियों को देना होगा। न्यूनतम वार्षिक स्पेक्ट्रम शुल्क 3,500 रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज होगा। एजीआर का उपयोग उस राजस्व की गणना करने के लिए किया जाता है, जिसे दूरसंचार कंपनियां स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार के साथ साझा करती हैं।